ऐसे में इस बात को स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि हेडली अमेरिका के लिए काम करता था। हेडली की दूसरी बीवी फाइजा औतल्हा की ओर से नया खुलासा किया गया है। फाइजा मोरक्को मूल की नागरिक है। इससे पहले हेडली की एक अमेरिकी पत्नी ने भी दावा किया था कि उसका पति पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सदस्य था और पाकिस्तान की एक प्रमुख खुफिया एजेंसी का उसे संरक्षण प्राप्त था। हेडली ने तीन शादियां कर रखी हैं।
दोनों पत्नियों की ओर से चेतवानी मिलने के बाद भी अमेरिकी अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया। इसका नतीजा रहा कि पाकिस्तानी मूल का आतंकवादी हेडली वर्ष 2002 से 2009 के बीच शिकागो से पाकिस्तान के बीच अपने नेटवर्क को मजबूत करता रहा और मुम्बई को दहलाने की साजिश रचता रहा।
फाइजा ने यह दावा किया है कि हेडली हर समय अलग-अलग पहचान बताता था। पाकिस्तान में रहने पर वह खुद को एक पक्का मुसलमान बताता था और सभी से बतौर दाऊद मिलता था। इसके बाद जब वह भारत जाता था तो वहां खुद को अमेरिकी नागरिक बताकर डेविड हेडली के रूप में लोगों से मिलता था।
फाइजा ने कहा, ‘‘मैंने अमेरिकी अधिकारियों को बताया था कि वह (हेडली) आतंकवादी है या फिर आप लोगों के लिए काम कर रहा है। परंतु उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मुझे चले जाने के लिए कहा।’’ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा से पहले यह नया खुलासा क्या रंग लाएगा? क्या भारत ओबामा से यह पूछेगा कि अमेरिका ने हेडली के बारे में भारत को वक्त रहते क्यों नहीं सूचित किया।? इसके साथ यह भी सवाल पूछा जाना चाहिए हेडली अमेरिकी सरकार का एजेंट था या नहीं?