संयुक्त राष्ट्र की आम महासभा अक्टूबर में सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता के लिए देशों का चयन करेगी। यदि सब कुछ ठीक रहा तो भारत एक जनवरी 2011 से दो वर्ष के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य बन जाएगा।
सुरक्षा परिषद की अस्थाई सदस्यता की दौड़ से इस वर्ष जनवरी में कजाकिस्तान के हटने के बाद से भारत ने दुनिया की सभी राजधानियों में राजनयिक प्रयास तेज कर दिए। अस्थाई सदस्यता के लिए आम महासभा में आवश्यक दो-तिहाई बहुमत को हासिल करने के लिए एशियाई और अफ्रीकी देशों का समर्थन जुटाने पर मुख्य रूप से जोर दिया जा रहा है.
अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने की योजना में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया कि अब एशियाई देशों के समर्थन के साथ भारत ने करीब 130 देशों का समर्थन हासिल कर लिया है जो आवश्यक 128 वोटों से अधिक है.
इसके बावजूद दुनिया भर से मिल रहे समर्थन से उत्साहित भारत ने अब कम से कम 150 सदस्यों का समर्थन जुटाने का लक्ष्य रखा है। आम महासभा की बैठक में हिस्सा लेने के लिए न्यूयार्क जा रहे कृष्णा उससे इतर सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के दावेदार देशों जापान, ब्राजील और जर्मनी के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।