.jpg)
सवाल यह है कि आखिर कैमरन ने इस सच्चाई को क्यों दहाड़ने की अंदाज में बयां किया। क्या इसे मान लिया जाए कि अब इंग्लैंड की नीति साफ हो चुकी है? इन सवालों के बीच सच यह है कि इंग्लैंड अपनी विदेश नीति में बड़ा बदलाव ला रहा है। उसे इस बात का आभास है कि एशिया और अंतर्राष्टÑीय मंच पर भी भारत के सुर में सुर मिलाना उसके लिए कारगर हो सकता है। क्योंकि भारत के साथ उसके व्यापक हित जुड़े हुए हैं।
कैमरन का बयान भारत के बढ़ते कूटनीतिक रसूख का भी प्रमाण है। भारत हमेशा से यह कहता रहा है कि वह प्रायोजित आतंकवाद का शिकार है। परंतु ज्यादातर देश उस पर कुछ बोलने से परहेज करते रहे हैं। परंतु ब्रिटेन के बदले निजाम ने अपनी स्पष्ट राय जाहिर कर दी है। सवाल यह है कि अमेरिका भी इस कड़वी सच्चाई को सरेआम बयां करेगा?
No comments:
Post a Comment